अल-शर्क़ (Al-Sharq) की रिपोर्ट के अनुसार, भारत के केरल राज्य के 9 साल के मोहम्मद मदलाज ने एक अनोखा कारनामा कर दिखाया, जो उसकी पवित्र कुरान के साथ गहरी जुड़ाव और कम उम्र में ही रचनात्मक भावना को दर्शाता है। उसने लगातार ढाई साल की मेहनत और सटीकता से कुरान की एक पूरी प्रति अपने हाथ से लिखी।
इस बच्चे ने दिसंबर 2022 में, जब वह सिर्फ 6 साल का था, कुरान लिखना शुरू किया था। उसे यह प्रेरणा स्थानीय स्तर पर 7 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए आयोजित एक प्रतियोगिता से मिली।
वह हर दिन एक घंटा A4 शीट पर पेंसिल से कुरान लिखने में बिताता था और अरबी कैलीग्राफी के नियमों तथा सही हरकत लगाने का पूरा ध्यान रखता था।
उसके परिवार ने उसके लिए एक उचित माहौल तैयार किया और उसके काम पर नज़दीकी निगरानी रखी। उसकी माँ उसके लिखे हुए पन्नों को जाँचती थी और आवश्यक सुधार करती थी, जब तक कि 26 मई 2025 को कुरान लिखने का प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो गया।
लिखी गई कुरान की प्रति की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए, कई पुरुष और महिला हाफ़िज़ों ने इसे पूरी तरह से जाँचा है। कुरान के पारों को कई बार दो महीने तक जाँचा गया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह मान्यता प्राप्त मुस्हफ से मेल खाता है।
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